आलेख- बुनियादी पढ़ने और गणित करने की क्षमताएँ; दैनिक गणनाएँ और निर्देश समझने जैसे रोजमर्रा के कार्यों के लिए होती है महत्वपूर्ण
जीवन में दैनिक कार्यों के लिए बुनियादी पढ़ने और गणित करने की क्षमताएँ व्यक्ति को अनेक तरह से प्रभावित करती हैं, विशेषकर दैनिक गणनाएँ और निर्देश समझने में। जो व्यक्ति अपनी पढ़ने की जितनी अच्छी समझ बनाता है वह अपने दैनिक सामाजिक और आर्थिक मुद्दों को उतनी ही अच्छी समझने विकसित करते है l जिससे उसका सामाजिक और आर्थिक जीवन में सुधार होता है। इसके साथ ही गणित क्षमताएँ व्यक्ति को सही और गलत की समझ बढ़ाती है। बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान युवाओं एवं बच्चों की की विचारशीलता बढ़ाती है, जिससे वह समस्याओं का सही समाधान निकालने में सक्षम होता है। गणित क्षमताएँ व्यक्ति को अध्ययन, विज्ञान, और तकनीकी क्षेत्रों में अग्रणी बनाने में सहायक होती हैं, जिससे उसका करियर विकसित होता है। बुनियादी गणना क्षमताएँ युवाओं को दैनिक जीवन में संख्यात्मक कार्यों को सरलता से करने में मदद करती हैं, जैसे कि बजट बनाना, खरीदारी करना, योजनाएं बनाना, आदि। युवाओं के बुनियादी भाषा एवं संख्यात्मक क्षमता के असर को समझने के लिए प्रथम संस्था द्वारा जनवरी 2024 माह में जारी एनुअल स्टेटस ऑफ़ एजुकेशन रिपोर्ट असर 2023 'बियॉन्ड बेसिक्स' ग्रामीण भारत में 14 से 18 वर्ष के युवाओं पर ध्यान केंद्रित करता है। असर 2023 'बियॉन्ड बेसिक्स' सर्वेक्षण 26 राज्यों के 28 जिलों में किया गया। यह 14-18 आयु वर्ग के कुल 34,745 युवाओं तक पहुँचा। प्रत्येक राज्य में एक ग्रामीण ज़िले का सर्वेक्षण किया गया, और उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश में दो ग्रामीण ज़िलों का सर्वेक्षण किया गया।
14-18 आयुवर्ग के युवाओं में बुनियादी क्षमताएँ के डाटा के अनुसार इस आयुवर्ग के सभी युवाओं में से लगभग 25 फीसदी युवा अब तक अपनी क्षेत्राीय भाषा में कक्षा-2 स्तर का पाठ नहीं पढ़ सकते हैं। आधे से ज़्यादा युवा भाग 3-अंक से 1-अंक का सवाल नहीं कर पाते हैं। सिर्फ 43.3 फीसदी युवा यह सवाल सही कर पाए। यह क्षमता कक्षा 3 या 4 में अपेक्षित की जाती है। आधे से अधिक युवा अंग्रेजी में वाक्य पढ़ सकते हैं 57.3 फीसदी। इनमें से, लगभग तीन-चौथाई युवा ही उनका अर्थ बता सकते हैं 73.5 फीसदी। सभी नामांकन स्थितियों में, लड़कों 70.9 फीसदी के मुकाबले ज़्यादा लड़कियाँ 76 फीसदी अपनी भाषा में कक्षा-2 स्तर का पाठ पढ़ सकती हैं। इसके विपरीत, गणित और अंग्रेजी में लड़के लड़कियों से बेहतर प्रदर्शन करते हैं। दैनिक गणनाएँ में सभी लोगों से अपेक्षा की जाती है कि वे ऐसे कई दैनिक कार्य करने में सक्षम हों, जिनमें बुनियादी गणित करने की क्षमता की आवश्यकता होती है। युवाओं के दैनिक जीवन से संबंधित ऐसे विभिन्न कार्यों को असर 2023 में शामिल किया गया। लगभग 85 फीसदी से अधिक सर्वेक्षित युवा स्केल का प्रयागे करके तब लंबाई माप सकते हैं जब उसे 0 cm से शरू किया जाए। परंतु शुरुआती बिंदु बदलने पर यह अनुपात तेज़ी से गिरकर 39 फीसदी हो जाता है। लगभग 50 फीसदी युवा अन्य दैनिक गणनाएँ कर सकते हैं।
इस रिपोर्ट के अनुसार युवाओं को ओआरएस पैकेट पर दिए गए निर्देश पर आधारित कुछ प्रश्न पूछे गए थे। यह कार्य केवल उन युवाओं को दिया गया जो असर पढ़ने की जाँच में कम से कम कक्षा-1 स्तर का पाठ पढ़ सके। उन युवाओं में से जो कम से कम कक्षा-1 स्तर का पाठ पढ़ सकते हैं, लगभग दो-तिहाई युवा पैकेट के आधार पर 4 में से कम से कम 3 प्रश्नों के उत्तर दे सकते हैं। जो युवा असर गणित की जाँच में कम से कम घटाव कर सके, उन्हें कुछ आम-तौर पर की जाने वाली वित्तीय गणनाओं पर कार्य दिए गए। जो युवा असर गणित की जाँच में कम से कम घटाव कर सके, उनमें से लगभग 60 फीसदी युवा बजट का प्रबंधन और लगभग 37 फीसदी युवा छूट की गणना कर सकते हैं। लेकिन केवल 10 फीसदी ही ऋण भुगतान की गणना कर सकते हैं।
‘क्षमता’ डोमेन का डाटा बताता है कि बुनियादी पढ़ने और गणित करने की क्षमताएँ दैनिक गणनाएँ और निर्देश समझने जैसे रोजमर्रा के कार्यों को करने में मदद करती हैं। हालाँकि, लगभग सभी कार्यों में लड़कों का प्रदर्शन लड़कियों की तुलना में बेहतर था। भोपाल में 14-18 आयु वर्ग के सभी युवाओं में से, 68.8 फीसदी असर पढ़ने की जाँच में कम से कम कक्षा-2 स्तर का पाठ पढ़ पाए, 38.1 फीसदी असर गणित की जाँच में कम से कम भाग कर पाए और 50.4 फीसदी असर अंग्रेजी की जाँच में कम से कम वाक्य पढ़ पाए। दैनिक गणनाओं के कार्य में 37.4 फीसदी युवा समय गणना, 51.2 फीसदी युवा वजन जोड़ना, और 46 फीसदी युवा ऐकिक नियम लागू कर सके। जो युवा कम से कम कक्षा-1 स्तर का पाठ असर पढ़ने की जाँच पढ़ सके, 57.5 फीसदी दवा के पैकेट को पढ़कर उसके बारे में 4 में से कम से कम 3 प्रश्नों का उत्तर दे पाए। जो कम से कम घटाव असर गणित की जाँच कर पाए, उनमें से 50.2 फीसदी बजट प्रबंधन का कार्य कर सके, 31.7 फीसदी छूट की गणना कर सके और 6.2 फीसदी ऋण भुगतान की गणना कर सके। अधिकांश कार्यों में, लड़कों ने लड़कियों से बेहतर प्रदर्शन किया। जबलपुर में 14-18 आयु वर्ग के सभी युवाओं में से, 68 फीसदी असर पढ़ने की जाँच में कम से कम कक्षा-2 स्तर का पाठ पढ़ पाए, 36.2 फीसदी असर गणित की जाँच में कम से कम भाग कर पाए और 35.4 फीसदी असर अंग्रेजी की जाँच में कम से कम वाक्य पढ़ पाए। दैनिक गणनाओं के कार्य में 31.5 फीसदी युवा समय गणना, 39.4 फीसदी युवा वजन जोड़ना, और 43 फीसदी युवा ऐकिक नियम लागू कर सके। जो युवा कम से कम कक्षा-1 स्तर का पाठ असर पढ़ने की जाँच पढ़ सके, 57.4 फीसदी दवा के पैकेट को पढ़कर उसके बारे में 4 में से कम से कम 3 प्रश्नों का उत्तर दे पाए। जो कम से कम घटाव असर गणित की जाँच कर पाए, उनमें से 47.8 फीसदी बजट प्रबंधन का कार्य कर सके, 28.1 फीसदी छूट की गणना कर सके और 5.8 फीसदी ऋण भुगतान की गणना कर सके। अधिकांश कार्यों में, लड़कों ने लड़कियों से बेहतर प्रदर्शन किया। एनुअल स्टेटस ऑफ़ एजुकेशन रिपोर्ट 2023 से यह स्पस्ट होता है कि बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मक ज्ञान दैनिक जीवन के लिए काफी महत्वपूर्ण होती है l
भाषा की सही समझ और व्यक्ति की अभिव्यक्ति की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है। यह व्यक्ति की सूचना को सही तरीके से समझने, और अपने विचारों और भावनाओं को सही ढंग से व्यक्त करने में मदद करती है। सांकृतिक ज्ञान व्यक्ति को अपनी और अन्य सांस्कृतिकों को समझने में मदद करता है। यह समाज में समझदारी, समर्थन और सामंजस्य स्थापित करने में सहायक होता है। भाषा का सही तरीके से उपयोग विचारों को सही ढंग से व्यक्त करने में मदद करता है, जिससे व्यक्ति के अभिवादन और विचारों का सही से समझा जा सकता है। भाषा कौशल से ही व्यक्ति समाज में बेहतर से संवाद कर सकता है, जिससे सामाजिक समृद्धि और सामाजिक सहयोग बढ़ता है। यह शिक्षा में और व्यावसायिक क्षेत्रों में सफलता के लिए आवश्यक है, क्योंकि सही तरीके से विचार व्यक्त करने और समझाने की क्षमता विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण है।
लेखक
श्याम कुमार कोलारे
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