एक हसीन पल भी संग तेरे

एक हसीन पल भी संग तेरे


बस यूँ कहो कि ये पल रुक जाए
जैसे थे हम बैसे ही थम जाएं
कुछ क्षण ही सही सुकून से
एक दूजे के संग कहीं खो जाए।
कुछ क्षण के लिए सारे गम
कहीं दूर अंधेरे में गुम हो जायें
बस अब सारी खुशियाँ तेरे 
दामन में दौड़कर आ जाएं।

एक हसीन पल भी संग तेरे
मेरे सीने में ठंडक लाता है
यही अनुभूति अपनेपन की
सदा मुझे याद दिलाता है।
बस तेरा साथ ही मुझे हर पल
आगे बढ़ने का हौसला दिलाता है
तेरी उम्मीदें मेरे हौसलों और
चट्टानों सी मजबूत बनाती है।

तेरा प्यार और विश्वास मुझे
आगे बढ़ने की उम्मीद जगाता है
बस वक्त अब थम तो जरा
मुझे सुकून पल को जीने दे।
अभी तो थोड़ा जीना सीखा है
अभी थोड़ा और जीने दे 
जिंदगी तो मजे का भ्रम है
इस भ्रम को थोड़ा भ्रम में ही रहने दें। 
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श्याम कोलारे

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