आजादी का जश्न । festival of independence day

आजादी का जश्न । festival of independence day


भारत माता के चरणों में हम, शत-शत शीश झुकायेंगे 
देश की शान मेरा है तिरंगा, शान से हम फहराएंगे ।
सोहंदी खुशबू देश माटी, महकी महक़ी पवन चले 
खेतों की फसलों के झौके, हलधर का मन मस्त करें।

आज आजादी का जलसा है, घर-घर तिरंगा लहरायेगा
राष्ट्रीय पर्व में शामिल होकर, सबका मन हर्षायेगा।
तोड़कर गुलामी की जंजीरों को, मिली आजादी की राहें
कठिन दौर था गुलाम भारत, आज भरो ठंडी आहें।

मर मिटे थे वो वीर सपूत, वेखोफ बड़े दीवाने थे
भारत माता के चरणों मे, सिर रूपी फूल चढ़ाये थे।
बड़ी जतन से पाई आजादी, कइयों ने गोली खाये थे
झूल गए फाँसी पर भगत सिंह, हँसते हुए प्राण गवाये।

आजादी का तिलक लगाकर,सब कूद पड़े थे मैदानों में
नमन है उन वीर सपूतों को, जो आजादी के परवाने थे।
उनका बलिदान याद करे हम, याद करे उन जज़्बातों को
तिरंगा के शान के खातिर मर मिटे, नमन उन जवानों को।

आजादी की अखंड ज्योति हम, देश मे सतत जलाएंगे
अमन शांति समृद्धि से, देश को खुशहाल बनाएगे।
चहचहायेगी सोन चिड़ैया, फुदकेगी हर घर के कँगूरे पर
फहराएगा शाने तिरंगा, जमीन से लेकर आसमानों पर।
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रचनाकार
श्याम कुमार कोलारे
छिन्दवाड़ा, मध्यप्रदेश

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