खूबसूरत अहसास, Beautiful Feeling

खूबसूरत अहसास, Beautiful Feeling


ये खूबसूरत सी दुनियाँ, ये मुस्कान भरी निगाहे
ये कुदरत की सुंदरता, बहती हुई खामोश हवाएँ
बाग में फूलों का मुस्कुराना, भवरों का यूँ इतरांना
तितलियों के रंगों में, गोते लगाकर यूँ रंग जाना।

ये सावन का महीना, रिमझिम बरसता पानी
बस भीग जाओ ऐसे, बन जाये सुखद कहानी
ये चंचल हवाएँ की मदहोशी, करती परेशान ऐसे
खुली आँखों से देखे हो, मदहोश सपना जैसे। 

मन करता है कल्पनाओं मे, अंदर तक डूब जाऊ
मेरे मन की तरंग से, तेरे मन की बीन बजाऊ
बस इतना पता है मुझको, तेरे बिन मैं नही हूँ
बस साँसे चल रही है, तुम बिन कुछ भी नही हूँ । 

कभी गाकर देख लेना, मेरे दिल के ये तराने
सुंदर निगाहे की बिजली से, घायल हुए जमाने
सुकून मिलेगा, इन चार पंक्तियों में खो जाना
कभी याद मेरी आये तो, मुझे थोड़ा गुनगुनाना।

©®श्याम कुमार कोलारे

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