तेरी रहमत, your mercy

तेरी रहमत, your mercy

तेरी रहमत

तेरी रहमत से ये प्रभु
साँसे चलती है मेरी
कर उठता है रहमत से
ये दुनियाँ चलती है मेरी।

भूख भी तेरी दी हुई है
खाना भी तू देता है
रोज रात को नींद में तू
अपने आगोश में लेता है।

रोज सबेरे जगा नींद से
नया जीवन तू देता है
हर रोज नई ऊर्जा की
साँसे तू भर देता है।

कर्म करना कर्तव्य मेरा
फल तू ही देता है।
प्रभु हर सवाल तेरे ही है 
उत्तर तू ही देता है।

जन्म मरण को बंधन से 
हे प्रभु मुझको तारो
तू ही एक विधाता है
संकट मेरे हारो।

भव बंधन से मुक्ति का दो
हे जगत के तारणहार
तू कृपालु दयालु है
विनती है मेरी बारंबार।
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लेखक
श्याम कुमार कोलारे
चारगांव प्रहलाद, छिन्दवाड़ा
मो. 9893573770

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