मत हो उदास मन

मत हो उदास मन


मत हो उदास मन तू
एक हार नही निराशा है
ये सबक है आगे बढ़ने का
सफलता की एक आशा है।
उम्मीद की एक रेख भी तुझको
आगे तक ले जाएगी
कर दृढ़ता की मुट्ठी बंद 
सफलता दौड़ी आएगी।

मत कर तू कमजोर इरादें
तुझको आगे जाना है
मंजिल की धुन में आकर के
मंजिल तुझको पाना है।
तुझमें तूफानों सी ताकत है
कठिन परिश्रम की आदत है
मेहनत से न पीछे हट
लक्ष्य पाने को दिल से डट।

बाजुओं में आँधी सी कसक है
जीवन ने एक सुनहरी दस्तक है
फूल खिला दे इस गुनशन में
खुसबू से महकता वसन है।
नही देखना पीछे मुड़कर
बस आगे को बढ़ते जाना है
जीवन डगर भले टेडी हो
निरंतर चलते जाना है।

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रचनाकार
श्याम कुमार कोलारे
छिन्दवाड़ा, मध्यप्रदेश
9893573770

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