खुशियाँ भरी दीवाली
दीपोत्सव का त्यौहार,
आया खुशियाँ ले हजार
घर-घर हुई साफ-सफाई,
कंचन हुआ संसार।1
जगमगाते दीपक संग,
फुलझड़ियों की रोशनी
आँगन में सजी रंगोली,
फूलों से भरी हो टोकरी।2
उल्लास भरा बच्चों में,
बड़ों में भी है नई उमंग
दीपावली के आने से,
हर तरफ आई नई तंरग।3
गाँव सजा आज दुल्हन सा,
घर-घर में है रोशनी
रंग-रोगन से दमके जैसे,
श्रृंगार में नाचे मोरनी।5
हर तरफ खुशियों छाई है,
सतरंगी रंग में रंगाई
आज अँधेरा भागेगा,
जब दीपों की होगी पुरवाई।6
बच्चों के मन भाये दीवाली,
फुलझड़ियों के संग
पाँच दिनों की छुट्टी,
मस्ती के रंगों में रंगते संग।7
समृद्धि उत्साह से भीगी,
आज दीवाली आई है
खुशियाँ प्यार दुलार संग,
घर आँगन महकाई है।8
महालक्ष्मी का आशीर्वाद से,
हर द्वार सजे हो दीप
हर चेहरा पर हो मुस्कुराहट,
ऐसा सबको वर दे देना।9
रचनाकार
श्याम कुमार कोलारे
चारगांव प्रहलाद, छिंदवाड़ा (म.प्र.)
मो. 9893573770
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