भारत में शिक्षा का महत्व
भारत में उज्ज्वल भविष्य एवं उचित शिक्षा सभी के लिए आगे बढ़ने और सफलता प्राप्त करने का एक सुगमतापूर्वक एक मात्र मूल्यवान संपत्ति है। जो मनुष्य आसानी से प्राप्त कर सकता है। यह हममें आत्मविश्वास विकसित करने के साथ ही हमारे व्यक्तित्व निर्माण में भी सहायता प्रदान करती है। स्कूली शिक्षा सभी के जीवन में वह पड़ाव है, जिससे हर व्यक्ति को पार करना चाहिए और सभी के लिए अतिआवश्यक भी हैं। क्योंकि यह सभी के जीवन में महान भूमिका निभाती है। और उज्जवल भविष्य और तेजस्वी चरित्र निर्माण करने में शिक्षा प्रणाली को प्राथमिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और उच्च माध्यमिक शिक्षा जैसे को तीन भागों में बाँटा गया है। शिक्षा के सभी स्तर पर अपना एक विशेष महत्व और स्थान रखते हैं। हम सभी अपने बच्चों को और देश के युवाओं को सफलता की ओर जाते हुए देखना चाहते हैं, जो केवल अच्छी और उचित शिक्षा के माध्यम से ही संभव है।
शिक्षा को हम एक शब्द में बयान नहीं कर सकते हैं। शिक्षा हमारा जीवन है जो हमें जीना सिखाती है और सामाजिक राजनीतिक जीवन में कामयाबी दिलाने में सहायक है। शिक्षा सभी के जीवन में सकारात्मक विचार लाकर नकारात्मक विचारों को हटाती है। शिक्षा विकास का वह क्रम है, जिससे व्यक्ति अपने को धीरे-धीरे विभिन्न प्रकार से अपने भौतिक, सामाजिक तथा आध्यात्मिक वातावरण में खुद को अनुकूल बना लेता है। जीवन ही वास्तव में शिक्षा है। शिक्षा की पहली शुरुवात बाल शिक्षा से होती है जो कि हम घर में सीखते है। शिक्षा का पहला पाठ अपने घर विशेष रुप से माता, पिता और घर में उपस्थित सभी सदस्य लोगों से प्राप्त करते हैं। हमारे माता-पिता ही सर्वप्रथम जीवन में शिक्षा के महत्व को बताते हैं। समाज में शिक्षा का महत्व उतना ही है जितना जीवन जीने के लिए पानी का महत्व होता हैं। शिक्षा के उपयोग तो अनेक हैं परंतु उसे सही और नई दिशा देने की आवश्यकता है। शिक्षा इस प्रकार की होनी चाहिए कि एक व्यक्ति अपने परिवेश से परिचित हो सके। शिक्षा हम सभी के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक अहम भूमिका निभाती है। हम अपने जीवन में शिक्षा के इस साधन का उपयोग करके आप सफलता के मार्ग में आगे बढ़ा सकते है। शिक्षा का उच्च स्तर लोगों की सामाजिक और पारिवारिक सम्मान तथा एक अलग पहचान बनाने में मदद करता है। शिक्षा का समय सभी के लिए सामाजिक और व्यक्तिगत रुप से बहुत महत्वपूर्ण समय होता है, यहीं कारण है कि हमें शिक्षा हमारे जीवन में इतना महत्व रखती है कि शिक्षा की मुख्य भूमिका शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाना हैं।
विद्याविहीन पशु को ज्ञान का तृतीय नेत्र प्रदान कर विवेकशील बनाना, उसमें अच्छे - बुरे की पहचान तत्पन्न करना, कायदे-कानून की समझ प्रदान करना तथा जीवन में सर्वांगीण सफलता और सम्पन्नता प्रदान करने के लिए संस्कार और सुरुचि के अंकुर उत्पन्न कर उसके व्यक्तित्व निर्माण में ही शिक्षा का महत्त्व है। अम्पूर्णानन्द जी के शब्दों में, 'मन और शरीर का तथा चरित्र के भावों के परिष्कार में ही शिक्षा का महत्त्व है। शरीर और आत्मा में अधिक से अधिक सौन्दर्य और सम्भावित सम्पूर्ण का विकास सम्पन्न करने में ही शिक्षा का महत्त्व है।
देश के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का महत्व अधिक देखा गया है। हम अपने अभिभावकों और शिक्षक के प्रयासों के द्वारा अपने जीवन में अच्छे शिक्षित व्यक्ति बनते हैं। वे वास्तव में हमारे शुभ चिंतक हैं, जिन्होंने हमारे जीवन को सफलता की ओर ले जाने में मदद की। आजकल, शिक्षा प्रणाली को ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ावा देने के लिए बहुत - सी सरकारी योजनाएं चलायी जा रही हैं ताकि, सभी की उपयुक्त शिक्षा तक पहुँचना संभव हो। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को शिक्षा के महत्व और लाभों को दिखाने के लिए टीवी और अखबारों में बहुत से विज्ञापनों को दिखाया जाता है क्योंकि पिछड़े ग्रामीण क्षेत्रों में लोग गरीबी और शिक्षा की ओर अधूरी जानकारी के कारण पढ़ाई करना नहीं चाहते हैं और जो लोग करना चाहते है उनके पास सुविधा उपलब्ध नहीं रहती की वे अच्छे और सुलझे हुए व्यवस्था से अपनी शिक्षा पूर्ण कर पाए।
शिक्षा प्रणाली महंगा होने के कारण गरीबों और माध्यम वर्ग के लोग 10वीं और 12वीं कक्षा के बाद उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सफल नहीं हो पाते हैं। इसी कारण समाज में लोगों के बीच बहुत अंतर और असमानता देखने को मिलती है। उच्च जाति के लोग, अच्छे से शिक्षा प्राप्त करते है और गरीबों और माध्यम वर्ग के लोगों को अधिक महँगाई होने के कारण स्कूल या कालेज में शिक्षा प्राप्त करने की अनुमति नहीं मिलती है। यद्यपि, अब अधिकतर जगह शिक्षा की पूरी प्रक्रिया और विषय में बड़े स्तर पर परिवर्तन किए गए हैं। इस विषय में भारत सरकार के द्वारा सभी के लिए शिक्षा प्रणाली को सुगम और कम महंगी करने के लिए बहुत से नियम, कानून और योजना लागू किये गये हैं। जो केवल एक खानापूर्ति मात्र करती है।
आज देश में सबसे सबसे जबाबदारी के साथ और तन्मयता से करनें के लिए अधिक महत्वपूर्ण कार्य है। जो उच्च शिक्षा को सस्ता और सुगम बनाना है। ताकि देश का हर नागरिक को उचित शिक्षा मिलने का मौका मिले। इससे पिछड़े क्षेत्रों, गरीबों और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए भविष्य में समान शिक्षा और सफलता प्राप्त करने के अवसर मिलेगा। यह कहना गलत नहीं होगा की शिक्षित व्यक्ति एक देश के मजबूत आधार स्तम्भ होते हैं और भविष्य में इसको आगे ले जाने में सहयोग करते हैं। इस तरह, शिक्षा वो उपकरण है, जो जीवन, समाज और राष्ट्र में सभी असंभव स्थितियों को संभव बनाती है। आज के युग में देश के हर नागरिक को सही शिक्षा से अवगत कराना अनिवार्य है चाहे वह पुरुष हो या नारी, गरीब और माध्यम वर्ग का परिवार हो या अमीर वर्ग का परिवार। शिक्षा सबके लिए एक समान है।
उज्ज्वल भविष्य के लिए शिक्षा का महत्व कितना अधिक है उसे हम शब्दों में बयान नहीं कर सकते हैं। क्योंकि शिक्षा ही एक मात्र साधन है जो सभी के उज्ज्वल भविष्य के लिए आवश्यक उपकरण है। जीवन में शिक्षा के इस उपकरण का प्रयोग करके देश और समाज का नाम गर्व से ऊँचा कर सकते हैं। शिक्षा का उच्च स्तर लोगों को सामाजिक और पारिवारिक आदर और सम्मान एवं एक अलग पहचान बनाने में मदद करता है। शिक्षा का समय सभी के लिए सामाजिक और व्यक्तिगत रुप से बहुत महत्वपूर्ण समय होता है। शिक्षा किसी भी बड़ी पारिवारिक, सामाजिक और यहाँ तक कि राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय समस्याओं को भी हल करने की क्षमता प्रदान करती है। धार्मिक शिक्षा से मानव में मानवीय गुणों का विकास होगा। सात्त्विक वृत्तियों का उदय होगा। जीवन में सत्य-असत्य की परख होगी। धन उपार्जन की शिक्षा मानव को परिवार पालन योग्य बनाएगी। धन कमाने के विविध ढंग बताएगी। समाज का कोई व्यक्ति नौकरी के लिए किसी का द्वार नहीं खट-खटाएगा। दर-दर मारा-मारा नहीं भटकेगा। अपने अर्जित ज्ञान, परिश्रम और पुरुषार्थ से धन कमा सकेगा काव्य, संगीत, चित्र, मूर्ति और वास्तुकलाओं का चित्रण जीवन में आठढान-प्रदान करेगा; उसके सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा करेगा।
जीवन को सर्वगुण- सम्पन्न और सफल समृद्ध करने तथा सत, चित और आनंद प्राप्ति करने में शिक्षा का महत्त्व है। शिक्षा के सभी स्तर पर अपना एक विशेष महत्व और स्थान रखते हैं। शिक्षा लोगों के मस्तिष्क को बड़े स्तर पर विकसित करने का कार्य करती है तथा इसके साथ ही यह समाज में लोगों के बीच के सभी भेदभावों को हटाने में भी सहायता करती है। यह हमें अच्छा अध्ययन कर्ता बनने में मदद करती है और जीवन के हर पहलू को समझने के लिए सूझ-बूझ को विकसित करती है। यह सभी मानव अधिकारों, सामाजिक के सामाजिक, राजनीतिक अधिकारों, देश के प्रति कर्तव्यों और दायित्वों को समझने में हमारी सहायता करती है। शिक्षा हमें जीवनापयोगी तकनीकी और उच्च कौशल वाले ज्ञान के साथ ही पूरे संसार में हमारे विचारों को विकसित करने की क्षमता प्रदान करती है। शिक्षा हमें अधिक सभ्य और बेहतर शिक्षित बनाती है। यह समाज में बेहतर पद और नौकरी में कल्पना की गए पद को प्राप्त करने में हमारी मदद करती है।
इसलिए शिक्षा और शिक्षक दोनों को संयुक्त रूप से कानूनी तर्कसंगत विचारों से दूर रखना एक सकारात्मक परिणाम होगा। जिससे शिक्षा के महत्व को अधिक से अधिक लोगों को समझने और समझाने में सफलता प्राप्त हो।
साभार: ग्राम टुडे समाचार
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