//15 मई 2022 विश्व परिवार दिवस विशेष//
कविता - परिवार
कविता - परिवार
----------------------------------------------
जीवन की मजबूत कड़ी, जीवन का आधार
बचपन से संभाला जिसने , वो है परिवार
कदम आगे बढ़ाना सीखा, होठो पर मुस्कान
परिवार से ही सीखा है, जीने का संस्कार।1।
अबोध से सशक्त हुआ, जुबान में आई वाणी
परिवार ने सफल किया, मेरी पूरी जिंदगानी
हर सुख में हँसे संग, दुख में आसूँ बहाये
परिवार में रहकर ही, जीवन बोध कराये।2।
आशा-निराशा सुख-दुख, जीवन के हर पड़ाव
परिवार से सीखा हमने, जीवन के उतार चढ़ाव
परिवार की छत्रछाया से, सुरक्षा मिलती हरदम
जीवन हमारा समर्पित, परिवार से मिलता दम।3।
मनुष्य को संवारने में, परिवार समर्पित रहता है
अपने जीवन की पूँजी को, खर्च करते रहता है
परिवार हमारे काम आए, ऐसा अक्सर होता है
जीवन आधार परिवार है, ये संसार कहता है।4।
पूरा देश कुटुंब हमारा, इतना विशाल है परिवार
दुख न आये कोई इसमें, हरपल रहता है तैयार
हम सब मिलजुल कर रहते, इसमें हमारी शान
भारत की संस्कृति ये, इससे बनता देश महान।5।
-----------------------------------------------------------
लेखक
श्याम कुमार कोलारे
सामाजिक कार्यकर्ता, छिंदवाड़ा(म.प्र.)
मोबाइल : 9893573770
0 टिप्पणियाँ
Thanks for reading blog and give comment.