जीवनसाथी

जीवनसाथी

शीर्षक: जीवनसाथी


तेरे संग रहने में मीठा सा अहसास है,  
यह न मिटने वाली जिन्दगी की प्यास है।  
तेरे बिना हर पल सूना सा लगता है,  
तू हो तो हर दिन में खुशी का अहसास है।  

तेरे रहने से पूरा हो जाता घर हमारा,  
तेरे बिना सब कुछ अधूरा सा लगता है।  
तेरी हंसी में छिपा है सुख का संदेश,  
तेरे बिना जीवन खाली सा लगता है।  

तेरे बातों में होता जीवन का सार है,  
तुम्हारा साथ रहना जीवन का आधार है ।  
घर की लक्ष्मी हो तुम, अन्नपूर्णा हो,  
तेरे बिना हर चीज़ निराधार है।  

तू है वो धागा, जो जोड़ता है सबको,  
तेरे बिना सब कुछ टूट सा जाता है।  
तेरी मौजूदगी में ही बसी है ख़ुशियाँ,  
तू हो तो हर दिन एक नई आशा है।  

तेरी आँखों में सुकून का आलम है,  
तेरी बाहों में दुनिया का आराम है।  
तेरे बिना जीवन में कुछ भी न होगा,  
तू हो तो हर चीज़ खुदा का वरदान है।  

तेरी मुस्कान में रचनाएँ बस जाती हैं,  
तू साथ हो तो मंज़िलें आसान लगती हैं।  
तेरे बिना ये दिल सूना सा रहता है,  
तू हो तो दुनिया रोशन सा लगता है।  

श्याम कुमार कोलारे

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