एक मुस्कान, one smile

एक मुस्कान, one smile

एक मुस्कान

तेरी एक मुस्कान के खातिर, 
हार जाने का मन करता है
अनायास ही मन मेरा, 
एक झलक दीदार को मचलता है।

खामोशियों में भी धड़कन, 
अक्सर आवाज करती है
तेरी आहट भी तेरे आने का, 
चुपके से इजहार करती है ।

तेरे आगोश में बरबस, 
फना हो जाने का मन करता है
तेरी एक मुस्कान के खातिर, 
हार जाने के मन करता है।

तेरे करीब भ्रमर सा, 
गुनगुनाता का जी करता है
पता नही ये मन मेरा, 
तितलियों सा क्यों उड़ता है। 

मन्द पवन के झकोरे से भी, 
दिल हिला करता है
यादों में भी मन मेरा, 
बागो की खुशबू से महकता है।


प्यार भरी खुशबू में बस, 
भीग जाने का मन करता है
तेरी एक मुस्कान के खातिर, 
हार जाने के मन करता है।

रचनाकार
श्याम कुमार कोलारे

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