तेरे प्यार की ख़ुशबू...
मुस्कान तेरे अधरों की, आनंद भर जाते है
तेरे प्यार भरे नैना, दिल को छू जाते है।
नही पास धन-दौलत है, न महल अटारी है
प्यार की दौलत होना,इन सबने भारी है।
तेरे नैनो के तीर से हम, घायल हो जाते है
बार-बार ये वार, हँस के सह जाते है।
तेरी सादगी ने मुझको, है मोह लिया ऐसा
नजरें हट न पाएँ, दिल घायल हुआ है जैसा।
साजन मुझे न चाहिए, ये जग की झूठी माया
प्रेम भरा हो जीवन, मन की उज्ज्वल काया।
बस साथ देना मुझको, जीवन के कदम बढ़ाऊँ
रंगों से सने हाथों से, जब मूरत तेरी बनाऊँ।
तेरी मीठी सी मुस्कान ने,ये गजब है कर डाला
मेरी फूस की कुटियाँ को, रोशन है कर डाला।
महल की ख़ुशियाँ झूठी, तेरा संतुष्ट चेहरा देखा
साग रोटी का स्वाद भी, लगे छप्पनभोग जैसा।
तेरी प्यार भरी खुशबू,मेरा जीवन महकाती है
आहट तेरी जीवन मे, मुझे सफल बनाती है।
रचनाकार
श्याम कुमार कोलारे
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