मै शब्द हूं! I am word

मै शब्द हूं! I am word

 शीर्षक- मै शब्द हूं!



मैं शब्द हूं!

मै कहीं मौन तो कहीं व्यक्त हूं 

मै कड़वा भी हूं और मीठा भी 

मै सम्मान भी पाता हूं 

और अपमानित भी होता हूं 

मै युद्ध भी करा सकता हूं 

और उस पे पूर्णविराम भी दे सकता हूं 

मेरे अंदर दोनों की कला है 

मै शब्द हूं!

मुझे कभी प्यार से परोसा जाता है कभी धिक्कार से

मै कहीं विष हूं तो कहीं अमृत का प्याला

मै जख्म पर मरहम भी हूं और नमक भी 

जी हां मै शब्द हूं! 

मैं परेशानियों को उलझा भी सकता हूं और सुलझा भी 

मै शब्द हूं!

मेरे दो रूप है

मै रास्ते में बाधा भी उत्पन्न कर सकता हूं

और उसे सरल भी बना सकता हूं 

मै अमर भी हूं और नश्वर भी 

अमर इसलिए क्योंकि  

कई दफा मै इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाता हूं 

नश्वर इसलिए क्योंकि कभी कभी मुझे दबा दिया जाता है

मै शब्द हूं!

मै भोजन के समान हूं

अगर प्यार से परोसा गया तो आसानी से पच जाता हूं 

सत्य शब्दों पर उसकी कीमत चुकानी पड़ती है एवं विरोधी भी पैदा हो जाते हैं।

झूठे शब्दों और झूठी तारीफ वाले शब्दों पर उपहार भी मिलता है एवं वाहवाही भी मिलती है।

जी हां मै शब्द हूं!!


                          #विनोद वस्त्राणे ✍️

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