आया नवरात्रि का पर्व, घर मे है खुशियाँ आपार
माता का जगराता चलता, भक्तिमय हुआ संसार
जगमग जगमग जोत जलें, भक्ति में है लोग लगे
माता की सेवा में नरनारी, जो चाहे वो जुगत करे।
माता का जगराता चलता, भक्तिमय हुआ संसार
जगमग जगमग जोत जलें, भक्ति में है लोग लगे
माता की सेवा में नरनारी, जो चाहे वो जुगत करे।
नौ दिन पूजा आरती में, भक्त लगे बड़े ध्यान से
माँ की कृपा बरसे सबपर, दृष्टि पड़े बड़े प्यार से
बाल रूप में माता का दर्शन, सबको ही पाना है
घर रखे कन्याभोज, बाल रूप में माँ को पाना है।
कन्याओं के पग धूल से, घर पवित्र हो जाएगा
घर मे सुख संपदा जैसे, दौड़कर कही से आएगा
मन मे भक्ति का ध्यान रख, जो माता को ध्यायेगा
जीवन के हर संकटो से, पल भर में मुक्ति पायेगा।
माता का प्यार है होता सब बच्चों के लिए समान
माता की सेवा करें हम, मन मे सब का कल्याण
नवरात्रि सुख समृद्धि की, लेकर आई आश है
माँ की कृपा हो जाये जन में, मिटती हर प्यास है।
श्याम दास पर कृपा करना, जीवन तुम्ही पर वार है
भक्ति में मेरा मन लगे रहे, भक्ति की ही प्यास है
सब जानो के माथ पर तेरा, सदा रहे आशीर्वाद हो
माता की कृपा से हर घर, खुशियों से आबाद हो।
लेखक
श्याम कुमार कोलारे
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