नव वर्ष नव दिवस, नव आगमन का स्वागत है,
नई उमंग नई तरंग, नए तराने का स्वागत है।
पुराने दिन खुशी से गुजरे, न किसी से नाराजगी,
आने वाले दिन में भी, नव खुशी का आगमन है।
नए जोश और नए उमंग, खुशियों की है दावत,
नया राग नई रागनी , नए संगीत का स्वागत।
खुशी मनाओ फूल बिछाओं नया आनंद मनाओं,
नया वर्ष में नया उमंग से नया जश्न सब बनाओं।
नया वर्ष के भोर से जागेगा, फिर से नया सवेरा,
घोर अंधकार को भेदेगा, दिवाकर का उज्यारा।
शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगारपरक देश हो जायेगा,
नई समृद्धि नई खुशहाली, प्रसन्नता का स्वागत।
बीत गया जो था पुराना, आएगा अब नया तराना,
नया वर्ष की नई सुबह से जीवन हमें चमकाना।
पुरानी सीख पुरानी समझ को नया में लगाएँगे,
अपनी कुशलता को अब नई परख बनाएंगे।
हर्ष उल्लास और अपनापन मन मे रखें नजाकत,
हर बगिया में फूल खिलें, नव वर्ष का है स्वागत।
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रचनाकार
श्याम कुमार कोलारे
छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश
9893573770
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