भ्रष्टाचार मुक्त भारत हो मेरा

भ्रष्टाचार मुक्त भारत हो मेरा


                कविता- भ्रष्टाचार मुक्त भारत हो मेरा

आचार हमारे विचार हमारे सबमे रहे ऐसी शुद्धता
भ्रष्टाचार से रंगे न दामन, मन मे रहे सदा प्रसन्नता।
लोभ लालच की बनी ईमारत, शीतल नही ये छाँव है
भ्रष्टाचार की गाड़ी में जो बैठे, मिलता इससे घाव है।
ऐसा हो संकल्प हमारा,भ्रष्टाचार मुक्त देश हो जाएगा
इस कलयुग में भी भाई, सतयुग का आनन्द आएगा।

मुँह पोछकर किसी का यारो, अपनी भरते जेब है
नही सताओ खुदा के बंदों, काम नही ये नेक है।
भ्रष्टाचार की सीढ़ी चढ़कर, नही मिलती है जन्नत
जब काम बिगड़ता अपना , काम न आये मन्नत।
ऐसा काम करें हमसब, जीवन सुखमय हो जाएगा
इस कलयुग में भी भाई, सतयुग का आनन्द आएगा।

मेहमत की कमाई का यारो, यहाँ मान बड़ा है भारी
भ्रष्टाचार देश विकास को आघात करे,  ज्यों आरी
देश के विकास में हम सबका, हो योगदान समान
भ्रष्टाचार मुक्त बने देश, इससे है सबका सम्मान।
भ्रष्टाचार मुक्त होने से, फिर देश प्रबल हो जाएगा
इस कलयुग में भी भाई, सतयुग का आनन्द आएगा।

भ्रष्टाचार की बेड़ियों से,  मुक्त जब हो देश हमारा
विकास के पथ पर दौड़ेगा, एक चाल से ये संसारा।
हम न करें भ्रष्टाचार, होने दे यह कृत्य आसपास।
फिर हर दिन बन जायेगा, होली दीवाली जैसा खास।
सीधी सच्ची बात है ,देश से भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा
इस कलयुग में भी भाई, सतयुग का आनन्द आएगा।

लेखक- श्याम कुमार कोलारे
सामाजिक कार्यकर्ता, छिन्दवाड़ा (मध्यप्रदेश)
मोबाइल - 9893573770

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