स्वरों में बसती साँसे, सुरों के लिए जीवन दिया सार
सारा जीवन संगीत न्योछावर,ममतामयी सी उदार।
सुरों की खान लता जी , स्वरों की उमड़ती लहरें
शब्द कंठ चढ़ जाए तो,उठा दे संगीत के हिलोरें।
रत्नों की महान रत्न है, भारत रत्न सिरमौर किया
हम आपको भुला न पाए, जग में ऐसा काम किया।
सरस्वती तुम शारदा देवी, कंठ में इसके वास किया
स्वर कोकिला कहलाई , भारत ने ये नाज किया ।
जग में किया है नाम ऐसा, जग में परचम लहराई
सभी दिलो में बसती,अद्भुत स्वर झलक दिखाई।
यादें आपकी गीतों में बसती, गीत में है छबि पाएंगे
दुनिया से भले दूर हुई, पर दिलो से दूर न हो पाएंगे।
श्याम कुमार कोलारे
0 टिप्पणियाँ
Thanks for reading blog and give comment.