पुलवामा में वीरगति को प्राप्त वीर जवानों को सादर शब्द सुमन श्रद्धांजलि समर्पित।
सौ बार नमन उन वीरों को, जो लिख गये अमिट कहानी।
अमर हो गये देकर जीवन ,कर गये धन्य जवानी
सौ बार नमन उन वीरों को, जो लिख गये अमिट कहानी।
अमर हो गये देकर जीवन ,कर गये धन्य जवानी
सिंघो से साहस होता हैजिनका,मत गज से मतवाले।
मातृभूमि की करते सेवा, होते हैं किस्मत वाले।
लहू से सींचे सरहद जो खेत करें दुश्मन को।
जिनके दम पर बुलंद तिरंगा सौ बार नमन है उनको।।
धन्य कर गया उस गोदी को, जिसने बांधा पलना।
वरण किया था जिसका तुमने, धन्य वीरवधू वह ललना।
गाता था जो हर दम मेरा रंग दे बसन्ती चोला।
ऋतु बसन्ती में वह ओढ़ तिरंगा लौटा ।
जाते जाते वीर दीवना चूम तिरंगा बोला।
भारत मां की सेवा में यह जीवन पड़ गया छोटा।
हर बार जन्म जब पाऊँ तेरी गोदी में ही आऊँ।
तेरी रक्षा में भारत माँ में अपना शीश चढ़ाऊँ ।
सौ बार नमन उस आँगन को जहांवीर सुमन खिलते हैं।
मातृभूमि की चरणों मे जो शीश सुमन देते हैं ।
अम्बिका प्रदीप शर्मा।
सिवनी मध्यप्रदेश
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