देशभक्ति गीत- झण्डा तिरंगा

देशभक्ति गीत- झण्डा तिरंगा

झण्डा मेरे तिरंगा मेरे, यूँ शान से तू लहराता रहे
पर्वत से तू ऊँचा उठ , हिन्द का मान बढ़ाता रहे।
हवा में यूँ लहराता रहे, राष्ट्रधर्म सिखलाता रहे।
मेरे रग-रग में देशप्रेम का,  लहू सदा बहाता रहे।
तीन रंग से सजा दे भारत,प्रगति चक्र चलाता रहे
तेरे कदमो में सारा देश  , राष्ट्रगान धुन गाता रहे।

झण्डा मेरे तिरंगा मेरे, यूँ शान से तू लहराता रहे
पर्वत से तू ऊँचा उठ , हिन्द का मान बढ़ाता रहे।
आजाद हिन्द का गान करें , भाल ऊँचा बना रहे
तेरे शान के खातिर मरने को, लहुँ हमारा गर्म रहे।
जुगत से पाई खुशबू तेरी, सींच लहुँ के कई छींटे
जख्म नही हम भूले है, तेरे खातिर कई सिर फूटें।

झण्डा मेरे तिरंगा मेरे, यूँ शान से तू लहराता रहे
पर्वत से तू ऊँचा उठ , हिन्द का मान बढ़ाता रहे।
इस मिट्टी से मान मेरा , तिलक इसका भाल रहे
कुर्वान है सारा जीवन , राष्ट्र के लिए ही लहुँ बहे।
एक जीवन जो अल्प पड़े,सौ जीवन न्यौछार रहे
तेरी शान न हो कम कभी,ये मेरा सदा ईमान रहे।

झण्डा मेरे तिरंगा मेरे, यूँ शान से तू लहराता रहे
पर्वत से तू ऊँचा उठ , हिन्द का मान बढ़ाता रहे।
दुनियाँ इसे जाने तिरंगा, तिरंगा ही पहचान रहे
इस मिट्टी से मेरा तन भीगे, ये मिट्टी से नाम रहे।
नमन "श्याम" तिरंगा मेरा , तिरंगा मेरा शान रहे
साँसे लगे गर देशहित में , तिरंगा मेरे साथ रहे।

लेखक
श्याम कुमार कोलारे
सामाजिक कार्यकर्ता, छिन्दवाड़ा(म.प्र.)
मोबाइल - 9893573770

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