शिक्षक को समर्पित रचना
रचनाकार
श्रीमती पुष्पा कोलारे (समाजसेविका)
चारगांव प्रह्लाद, छिन्दवाड़ा
शिक्षक से ही बनता है जीवन का आधार ,
जिससे हरदम बसता है विद्धार्थियों का संसार ,
जितनी मजबूत बनाएगा शिक्षक शिष्य धरातल ,
उतनी ही मजबूत होगी विद्धर्थियों की ईमारत l
शिक्षक देता है इनको शिक्षा का महादान ,
विद्धार्थी भी पाता है उनसे अमूल्य वरदान,
इससे ही पढ़-लिखकर इन्सान बनता है महान,
ऐसे गुरुवर को मेरा बारंबार प्रणाम l
शिक्षक की पूंजी हम हमेशा संजोकर रखे,
जो जीवन की कठिनाईयों से हमें बचा सके,
ऐसे शिक्षक पाकर हो जाता है जीवन सुधन्य,
हमारे जीवन की बगिया को करते है सुगन्ध l
शिक्षक अपने ज्ञान से भरते है जीवन में प्रकाश
सभी को इसी प्रकाश की होती है हमेशा आश
शिक्षक सम्मान करें तो जीवन पथ सुधरेगा
हर विद्धार्थी जन मानस में शिखर तक पहुँचेगा l
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