नुन्हारिया के नूर:-
कोसरिया बावनिया झारिया नुन्हारिया के नूर ।
कतिया कोरी सोमुस लाडवन डेहरिया के सूर ।
मेहरा महार बन, क्यों जातिवाद बढ़ाने में चूर।
यग्य होम जनेऊ पहन,ब्राम्हणी स्वांग रच करते गरूर ।
कोसरिया बामनिया झारिया नुन्हारिया के नूर।....
गांजा भांग तम्बाकू पीते,शिव भक्ती को मजबूर।
मांस मदिरा मछली खाते,धनमद का चढ़ा शरूर।
कोसरिया बावनिया झारिया नुन्हारिया के नूर।।
लोभ क्रोध द्वेष अहंकार,ऊपर से मनुवादी
गरूर।
हिंदू बन स्वयं गिरोगे,समाज को गिराओगे
जरूर।।
कोसरिया बामनिया झारिया नुन्हारिया के नूर।....
जाति उपजाति में बटकर विकास नही होगा मेरे सूर।।
पारस,शांति नही मिलेगी
तुम्हें,बुद्ध भीम से रहकर दूर।।
कोसरिया बामनिया झारिया नुन्हारिया के नूर।....
डॉ. पी.आर. आठनेरिया इंदौर
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