हम मार्केटिंग के बैंक का ATM हैं, जिसमें से कुशल मार्केटिंग वाले लोग मोटा पैसा निकाल लेते हैं।
सरला : माँ का
ब्लड प्रेशर और शुगर बढ़ा हुआ था,
सो सवेरे सवेरे उन्हें लेकर उनके
पुराने डॉक्टर के पास गई, क्लिनिक से बाहर उनके गार्डन का नज़ारा दिख रहा था जहां डॉक्टर साहब
योग और व्यायाम कर रहे थे मुझे करीब 45 मिनिट इंतज़ार करना पड़ा।

मैं अपने हाथ
मे लिए हुए माँ के उस पर्चे को देख रही थी जिसमे उन्होंने BP और शुगर कम
करने की कई दवाइयां लिख रखी थी?
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सर में भयंकर
दर्द था सो अपने परिचित केमिस्ट की दुकान से सर दर्द की गोली लेने रुकी। दुकान पर
नौकर था ,उसने मुझे गोली का पत्ता दिया तो उससे मैंने पूछा गोयल साहब कहाँ
गए हैं, तो उसने कहा साहब के सर में दर्द था सो सामने वाले कैफ़े में काफी
पीने गये हैं अभी आते होंगे!!
मैं अपने हाथ
मे लिए उस दवाई के पत्ते को देख रही थी?
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अपनी मित्र के
साथ एक ब्यूटी पार्लर गई। मेरी सहेली को हेयर ट्रीटमेंट कराना था क्योंकी उनके बाल
काफी खराब हो रहे थे। रिसेप्शन में बैठी लड़की ने उन्हें कई पैकेज बताये और उनके
फायदे भी। पैकेज 1200 से लेकर 3000 तक थे कुछ डिस्काउंट के बाद मेरी मित्र को उन्होंने 3000 रु वाला पैकेज 2400रु में कर दिया।
हेयर ट्रीटमेंट के समय उनका ट्रीटमेंट करने वाली लड़की के बालों से अजीब सी खुशबू आ
रही थी मैंने उससे पूछा कि आपने क्या लगा रखा है कुछ अजीब सी खुशबू आ रही है, तो उसने कहा
उसने तेल में मेथी और कपूर मिला कर लगा रखा है इससे बाल सॉफ्ट हो जाते हैं और
जल्दी बढ़ते हैं।
मैं अपनी मित्र
की शक्ल देख रही थी जो 2400 रु में अपने बाल अच्छे कराने आई थी
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मेरी रईस कज़िन
जिनका बड़ा डेयरी फार्म है उनके फार्म पर गई ।फार्म में करीब 150 विदेशी गाय थी
जिनका दूध मशीनों द्वारा निकाल कर प्रोसेस किया जा रहा था। एक अलग हिस्से में 2 देसी गैया हरा
चारा खा रही थी। पूछने पर बताया घर उन गायों का दूध नही आता जिनका दुध उनके डेयरी
फार्म से सप्लाई होता है बल्कि परिवार के इस्तेमाल के लिए इन 2 गायों का दूध,दही व घी इस्लेमाल
होता है।
मै उन लोगों के
बारे में सोच रही थी जो ब्रांडेड दूध को बेस्ट मानकर खरीदते हैं
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एक प्रसिद्ध
रेस्टुरेंट जो कि अपनी विशिष्ट थाली और शुद्ध खाने के लिए प्रसिद्ध है हम खाना
खाने गये।
निकलते वक्त
वहां के मैनेजर ने बडी विनम्रता से पूछा मैडम खाना कैसा लगा,हम बिल्कुल
शुद्ध घी तेल और मसाले यूज़ करते हैं, हम कोशिश करते हैं बिल्कुल घर
जैसा खाना लगे।
मैंने खाने की तारीफ़ की तो
उन्होंने अपना विजिटिंग कार्ड देने को अपने केबिन में गये। काउंटर पर एक 3 खण्ड का स्टील
का टिफिन रखा था। एक वेटर ने दूसरे से कहा"सुनील सर का खाना अंदर केबिन में रख
दे ,बाद में खाएंगे" मैंने वेटर से पूछा क्या सुनील जी यहां नही
खाते तो उसने जवाब दिया" सुनील सर कभी बाहर नही खाते, हमेशा घर से
आया हुआ खाना ही खाते हैं"
मैं अपने हाथ
मे 670 रु के बिल को देख रही थी
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ये कुछ वाकये
हैं जिनसे मुझे समझ आया कि हम जिसे सही जीवन शैली समझते हैं वो हमें भृमित करने का
जरिया मात्र है। हम मार्केटिंग के बैंक का ATM हैं जिसमें से
कुशल मार्केटिंग वाले लोग मोटा पैसा निकाल लेते हैं।
अक्सर जिन
चीजों को हमे बेचा जाता है उन्हें बेचने वाले खुद इस्तेमाल नही करते है।
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