हर स्कूल में NCERT की किताबें अनिवार्य करने से अभिभावकों का आर्थिक बोझ होगा कम
भारत में शिक्षा न केवल एक मौलिक अधिकार है, बल्कि एक मजबूत राष्ट्र की नींव भी है। हालांकि, वर्तमान समय में निजी स्कूलों द्वारा पुस्तकों, यूनिफॉर्म और फीस के नाम पर अभिभावकों पर डाले जाने वाले आर्थिक बोझ ने इस अधिकार को एक महंगे सौदे में बदल दिया है। ऐसे में मध्यप्रदेश के जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना द्वारा लिया गया यह निर्णय कि जिले के सभी CBSE स्कूलों में कक्षा 1 से 12 तक केवल NCERT की किताबें ही पढ़ाई जाएंगी, एक स्वागत योग्य और दूरदर्शी कदम है। यह निर्णय न केवल शिक्षा व्यवस्था को पारदर्शी और समान बनाएगा, बल्कि अभिभावकों पर पड़ने वाले अनावश्यक आर्थिक दबाव को भी काफी हद तक कम करेगा।
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