होली गीत- होली के रंग अपनो के संग

होली गीत- होली के रंग अपनो के संग

 होली गीत- होली के रंग अपनो के संग

आया रंगों का त्यौहार, झूमे मस्ती में संसार

आई चेहरों पर मुस्कान, होवे रंगों की बौछार

आया फागुन  महीना, टीसू के रंग हुए है लाल

अम्बा में आई ऐसी मोरी, भ्रमर फुदके है हर डाल।

प्रेम रंग होली में बरसे रे.....

जिया रंग में रंगने को तरसे रे...।


मारे है पिचकारी, भीगे चुनर और साड़ी

भीगा तन वदन मेरा, जैसे बगिया-माली

रंगों की फुहार, होवे गुलाल की बरसात

गली में हुँकार, रखे हाथों में गुलाल 

आई चेहरों पर मस्ती की लाली रे......

आज अच्छी लगे उधम गारी रे......।


आया रंगों का त्योहार, रंगों से रंगा है घरबार

मन में सबके लिए प्यार,खुशियाँ भरी है अपार

मस्ती में झूमे है नर नारी, उमंग बड़ी है भारी

बच्चे मचाये धूम, हाथों में रंगों की पिचकारी

आज धरती हुई मतवाली रे......

मैं तों मारूँगा भर पिचकारी रे.....।


लेखक:

श्याम कुमार कोलारे

छिन्दवाड़ा (म.प्र.)

मोबाइल 9893573770

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